Essay on Diwali in Hindi Nibandh
दीपावली पर निबंध कक्षा 1 से 12 तक के लिए
Essay on Diwali in Hindi – दिवाली भारतवर्ष में हिन्दूओ का एक प्रमुख त्यौहार है जो की हिन्दू धर्म में मनाया जाने वाला सबसे प्राचीन त्यौहार है, तो ऐसे में अगर पढ़ते है, तो आपको दिवाली पर निंबंध Hindi Essay on Diwali लिखने को कहा जाता है. और अगर आप 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 में से किसी भी कक्षा के छात्र हो, तो चलिए दिवाली पर निंबंध, Diwali in Hindi Essay, Diwali Nibandh बता रहे है, जिसे आप इस निबन्ध Essay on Diwali in Hindi को आप अपने क्लास में लिख सकते है.
वैसे तो भारत देश में अनेको त्यौहार मनाये जाते है जिसमे होली, दिवाली, दशहरा, ईद, रक्षाबन्धन जैसे अनेक त्यौहार है, लेकिन इन सभी त्योहारों में दीपावली का त्यौहार आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है, एक तरफ जहा दशहरा का त्यौहार खत्म होता है,
और फिर इसके बाद से ही भारत देश में हर घर में साफ सफाई और रंग पुतायी का कार्य शुरू हो जाता है और पूरे जोश के साथ सभी लोग दिवाली के त्यौहार की तैयारी करने लगते है, त्यौहार हमारे जीवन का अभिन्न अंग होते है त्योहारों के माध्यम से ही लोग एक दुसरे के गले शिकवे भुलाकर सब एक दुसरे से प्रेम के साथ रहते है,
त्योहारों का इतना महत्व होता है की दुनिया के हर कोने में कोई न कोई त्यौहार जरुर मनाया जाता है और त्यौहार के माध्यम से लोगो के जीवन में हर्ष और नई स्फूर्ति भर जाती है.
जब हम अपने जीवन में कार्य करते हुए इतने थक जाते है और हमे हमारा जीवन बोझिल लगने लगता है तो हमारे सांस्कृतिक और आध्यत्मिक रूप से मनाये जाने वाले त्यौहार हमारे जीवन में फिर से उर्जा का संचार करते है,
एक तरफ जहा अपने रोजमर्रा के कार्यो से इतने थक जाते है तो इन त्योहारों के आ जाने से हमारे मन में हर्ष और उल्लास भर जाता है इसलिए इन त्योहारों का होना हमारे जीवन में विशेष महत्व होता है.
दिवाली के लिए इन लेटेस्ट को भी पढे :-
दीपावली का त्यौहार के लिए दिवाली पर निबंध
Essay on Diwali in Hindi Deepawali par Nibandh
भारत देश के प्रमुख त्योहारों में दीपावली का विशेष स्थान है दिवाली का त्यौहार हिन्दू धर्म के कार्तिक महीने के अमावस्या के दिन पूरे धूमधाम से मनाया जाता है अमावस्या की रात बहुत ही अँधेरी और काली होती है,
लेकिन दिवाली की रात के चलते पूरी रात हर जगह दिये और प्रकाश की रौशनी से भर जाती है चारो तरफ उजाला ही उजाला होता है इसलिए दीपावली के त्यौहार को अन्धकार पर प्रकाश की विजय का त्यौहार भी कहते है.
दिवाली को भारत में कही दीपावली, कही दीपोत्सव कहा जाता है जिसका सीधा सा अर्थ है दीपो की श्रृखंला यानि हर जगह लाखो दिये सजाये जाते है,
दिवाली के त्यौहार की तैयारी पूरे घर की साफ सफाई और घरो को रंगों की पुताई से की जाती है घरो की दीवारों और फर्शो पर तरह तरह के चित्रकारी और रंगोली बनाई जाती है हर तरफ सभी के घर एकदम साफ़ सुथरे और नये दिखने लगते है.
दिवाली के त्यौहार की भारत देश में इतनी अधिक महत्ता है की स्कूल कॉलेज और सभी सरकारी और गैर सरकारी दफ्तरो में हफ्ते भर के लिए सार्वजनिक अवकाश रहता है,
सभी लोग अपने परिवार और अपने गाव घर में पूरे हर्शोलास के साथ इस त्यौहार को मनाते है.
दिवाली मनाये जाने का ऐतिहासिक कारण – दिवाली क्यू मनाया जाता है
Diwali Kyu Manate Hai – Dipawali Kyo Manaya Jata Hai
भारत के प्राचीन ग्रन्थ रामायण और रामचरितमानस के आधार पर अयोध्या के राजा राम अपने पिता दशरथ के आज्ञा पर चौदह वर्षो तक अपनी पत्नी सीता और छोटे भाई लक्ष्मण के साथ वन में बिताये,
जहा पर धोखे से लंका के राजा रावण ने राम की पत्नी का सीताहरण कर लिया था जिसके पश्चात रामचन्द्रजी ने हनुमान और सुग्रीव के सहायता से बंदरो और भालुओ की विशाल सेना के साथ लंका पर चढ़ाई किया,
और फिर रामचन्द्रजी ने अहंकार के प्रतिक दुष्ट घमंडी राजा रावण का वध किया जिस दिन राम ने रावण का वध किया था उस दिन को भारत देश में दशहरा के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है.
रावण के वध के पश्चात राजा रामचन्द्रजी चौदह वर्षो पश्चात अपने राज्य अयोध्या में पुनः गये तो उस समय अयोध्या की सारी प्रजा ने राजा राम के स्वागत में हर जगह घी के दिये जलाये और पूरी नगरी को प्रकाश से सजा दिया गया है.
राजा राम कार्तिक की अमावस्या के दिन वन के पश्चात अयोध्या पहुचे थे जिसके पश्चात हर वर्ष राजा राम के स्वागत में यह त्यौहार मनाया जाने लगा जिसे लोग बुराई पर अच्छाई की जीत, अंधकार पर प्रकाश और अहंकार पर ज्ञान की विजय भी मानते है.
इसके अलावा दिवाली के त्यौहार का और भी धार्मिक महत्व है देवताओ में सबसे प्रथम पूजनीय देवता श्रीगणेश और धन की देवी माँ लक्ष्मी की भी पूजा इस त्यौहार के दिन किया जाता है हिन्दू धर्म के मान्यताओ के अनुसार इस दिन माँ लक्ष्मी और गणेशजी की पूजा करने से घर में धन दौलत और सुख समृद्धि का वास होता होता है.
इसके अलावा भारत देश के विभिन्न राज्यों में इस त्यौहार को मनाने के अलग अलग कारण है जैन धर्म के अनुसार इसी दिन भगवान महावीर स्वामी को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी,
सिक्ख धर्म के अनुसार इसी दिन स्वर्ण मंदिर की स्थापना की गयी थी और इसी दिन सिक्खों के गुरु हरगोविंद जी को भी जेल से रिहा किया गया था जिसकी ख़ुशी में दिये जलाये जाते है.
दिवाली का त्यौहार पर निबंध
Essay on Deepawali in Hindi
दीपावली का त्यौहार कार्तिक के अमावस्या के दो दिन पहले से अमावस्या के दो दिन बाद तक मनाया जाता है हर दिन का अलग अलग महत्व है.
धनतेरस [Dhanteras]–
दीपावली के त्यौहार के दो दिन पहले वाले दिन को धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है हिन्दू धर्म के अनुसार इस दिन भगवान धन्वन्तरी का जन्म हुआ था जो की धन और धान्य के देवता के रूप में पूजे जाते है,
जिसके चलते लोग धनतेरस के दिन सोना चांदी स्टील आदि के बर्तन खरीदते है या इस दिन हर कोई अपने घर के लिए कोई न कोई नया सामान जरुर खरीदता है और धनतेरस वाले दिन लोग घी के दिए जलाकर भगवान की पूजा करते है.
- छोटी दिवाली या हनुमान जयंती
दीपावली के दिन पहले वाले दिन को लोग छोटी दिवाली के रूप में मनाते है इस दिन लोग शाम को अपने घर के दरवाजे पर दिये जरुर जलाते है और मान्यताओ के अनुसार हनुमान जी की भी पूजा अर्चना की जाती है.
दीपावली के दिन तो हर जगह गली मुहल्ला बाजारों में खूब रौनक दिखाई देती है हर जगह पूजा पाठ के सामान, मिट्टी के दिये और भगवान गणेश और माँ लक्ष्मी की मूर्तियों से दुकाने भर जाती है,
तरह तरह के स्वादिष्ट और रंगीन मिठाईयो से बाजारों की रौनक देखने लायक होती है हर तरह लोग खूब मिठाई पटाखे और पूजा पाठ के सामान खरीदते हुए लोग दिखाई पड़ते है.
दिवाली के दिन जैसे ही अँधेरा होता है हर तरह लोग दिये जलाने लगते है घर का कोई कोना हो या गली मुहल्ला चारो तरफ बा दिये की रौशनी ही दिखाई देती है सारा वातावरण प्रकाश से भर जाता है,
सभी घर गली मुह्ह्ले मंदिर दुकान दिये की प्रकाश से सज जाता है अँधेरा के लिए कही भी जगह नही मिलता है हर जगह के दृश्य देखने लायक होता है.
इसके बाद घरो आदि को सजाने के बाद लोग नये कपड़े पहनकर भगवान गणेश और माँ लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते है फिर इसके पश्चात लोग एक दुसरे को मिठाई खिलाते है और आपस में लोग एक दुसरे को मिठाईया प्रसाद आदि का आदान प्रदान करते है.
भैयादूज –
दिवाली के अगले सुबह भाई बहन के आपसी प्यार के प्रतिक भैयादूज का त्यौहार मनाया जाता है इस दिन बहने अपने भाईयो को मिठाई खिलाती है और और उनकी लम्बी आयु के लिए मंगल कामना करती है.
अन्नकूट या गोवर्धनपूजा –
हिन्दुधर्म के मान्यताओ के अनुसार भगवान् श्रीकृष्ण ने देवताओ के राजा इंद्र का घमंड तोड़ने के लिए इसी दिन गिरिराज पर्वत गोवर्धन की पूजा किये थे जिसके पश्चात इंद्र ने लगातार सात दिन सात दिन बहुत भयंकर बारिश किये थे,
तब भगवान् श्रीकृष्ण ने लोगो की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी कानी अंगुली पर उठा लिया था और लोगो को इंद्र के बारिश के प्रकोप से बचाया था जिसके पश्चात इस दिन को लोग गोवर्धन पूजा के रूप में त्यौहार मनाते है.
दीपावली का सामाजिक महत्व
Diwali Ka Mahatva – Deepawali Social Life Impotence in Hindi
हर त्योहारों के पीछे कोई न कोई महत्व जरुर होता है ठीक उसी प्रकार दीपावली का त्यौहार का हमारे सामाजिक जीवन में भी विशेष महत्व है,
जब किसान लोग अपने बरसात के फसलो को काटकर अपने घरो को धन धान्य से भर लेते है तो इस त्यौहार को मनाने की ख़ुशी देखते ही बनती है.
इस दिन से पूजीपति लोग अपने पुरानी खाताबही का हिसाब करके बंद कर देते है और इस दिन नये खाताबही की शुरुआत करते है यानि एक तरह से हिन्दूधर्म में नये फाइनेंसियल वर्ष की भी शुरुआत हो जाती है.
दिवाली का आर्थिक महत्व
दिवाली ही हिन्दुओ का ऐसा त्यौहार है जिसमे लोग जमकर खरीदारी करते है दीपावली के त्यौहार पर लोग नये कपड़े, सोना चांदी, घर के सामान, लोगो में बाटने के लिए ढेर सारे तरह तरह के उपहार खरीदते है,
जिसके कारण सबकी आर्थिक स्थिति चलायमान हो जाती है दिवाली के त्यौहार पर अब लोग जमकर पटाखा भी खरीदते है जिससे लोगो की अब करोडो में आमदनी होती है.
दिवाली का वैज्ञानिक महत्व
वर्षा ऋतू में बाद जब अनेको प्रकार के कीटाणु पैदा हो जाते है तो जब बरसात का वक़्त खत्म हो जाता है तो ये तरह तरह के कीटाणु वातावरण में उड़ने लगते है,
जिसके पश्चात दिवाली के त्यौहार के चलते हर दिये जलाने की वजह से ये कीटाणु इन्ही दियो क आग में जलकर मर जाते है और घी के दिये जलाने से वातावरण भी पूरी तरह से शुद्ध हो जाता है.
इन त्योहारों का जहा वैज्ञानिक रूप से भी हमे लाभ मिलता है लेकिन बदलती और सुधरती हुई अर्थव्यवस्था के चलते लोग अब इन त्योहारों पर पठाखे और फुलझडिया खरीदते है,
जिसको जलाने से अनेको प्रकार की जहरीली गैसे भी निकलती है जो वातावरण को दूषित कर देती है तथा इन पठाखो के तेज आवाजो के चलते ध्वनी प्रदुषण भी काफी हद तक बढ़ जाता है.
दीपावली के त्यौहार का हमारे जीवन में महत्व
Diwali Ka Mahatva Hindi Essay
एक तरफ जहा त्यौहार हमारे जीवन में खुशिया भर देते है लेकिन कुछ सामाजिक कुरुतीयो के चलते इन त्योहारों का नाम भी खराब होता है दिवाली जैसे त्योहारों पर लोग अपनी बुराईयों को त्यागने का प्रण लेते है,
लेकिन एक तरह जहा लोग इस दिन धन की कामना से माँ लक्ष्मी की पूजा करते है तो कुछ लोग धन कमाने के लिए इस दिन जुए आदि का सहारा लेते है जो की एक तरह से समाज में गलत कार्यो को बढ़ावा देते है,
और इन त्योहारों पर लोग आवश्यकता से अधिक पटाखे जला देते है जो कही न कही खुद के धन बर्बाद करने की दिशा में ये कार्य हो जाता है.
इसलिए हमे अपने त्योहारों का ऐतिहासिक महत्व समझते हुए इनको प्रेमभाव से पूरे हर्शोल्लास के साथ मनाना चाहिए और इन त्योहारों के माध्यम से अपने समाज में प्रेम और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देना चाहिए.
अच्छीएडवाइस.कॉम | AchhiAdvice.com के सभी पाठको को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये, सबके जीवन में खुशिया आये यही हम मंगल कामना करते है,
तो आप सभी पूरे हर्ष और उल्लास के साथ दीपावली का त्यौहार मनाईये.
Happy Diwali
तो आप सबको यह दीपावली के त्यौहार पर हिंदी निबंध कैसा लगा अपने विचार जरुर बताईयेगा और इस दिवाली पर निबंध in hindi शेयर भी जरुर करे.
दिवाली के इन पोस्ट को भी पढे :-
दिवाली पर कविता | दिवाली शुभकामनाये |
शुभ दिवाली के अनमोल विचार वचन सुविचार | दीपावली के नारे स्लोगन |
Advance Happy Diwali Wishes | हैप्पी दिवाली की शुभकामनाये |
Nyc….
Very Nice diwali essay..Happy Diwali………