HomeHindi Thoughtsअहिंसा के पुजारी महात्मा गांधीजी के तीन बन्दर की शिक्षाप्रद कहानी

अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधीजी के तीन बन्दर की शिक्षाप्रद कहानी

Gandhiji Ke 3 Bandar Ki Sandesh

गांधीजी के 3 बन्दर की कहानी

गांधीजी के 3 बन्दर यानी बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो और बुरा मत कहो, यही गांधीजी के 3 बंदरो के माध्यम से देशवासियों के लिए एक बहुत संदेश था लेकिन जैसे जैसे जमाना बदलता गया गांधीजी के इस विचारधारा को पालन करने वाले बहुत ही कम लोग रह गये है और गांधीजी के द्वारा कही गयी बाते अब सिर्फ किताबी ज्ञान की बाते भर रह गयी है,

जरा सोचिये जब हमारा देश आजाद नही था तब गांधीजी का देश में रामराज्य का सपना था यानी समाज का हर तबका खुशहाल और सुखपूर्वक जीवन यापन करे और देश के निर्माण में अपना पूर्णरूप से सहयोग दे लेकिन वर्तमान में महात्मा गांधीजी का यह सपना सपना भर ही रह गया है, तो आईये गांधीजी के 3 बन्दर की कहानी –Gandhiji Ke Bandar Ki Seekh को जानते है.

गाँधी के  तीन बन्दर की कहानी

Gandhi Ji Ke 3 Bandar Ke Maasage in Hindi

gandhiji ke teen bandar

ऐसा माना जाता है की जब चीनी प्रतिमंडल महात्मा गांधीजी जी मिलने आया था तब इन्हें भेट स्वरूप 3 बन्दर के खिलौने दिए थे जो की अपने आप में 3 मुद्राए में थे जिससे इनकी मुद्राओ से एक खास संदेश जाता था तो आईये जानते है गाँधी ने अपने 3 बंदरो के माध्यम से समाज को क्या संदेश दिया था.

1 – बुरा मत देखो

गाँधी का पहला बन्दर जो की अपनी आँखों को हाथो से ढककर बंद किये हुए है उसका यही संदेश जाता है की हमे कभी भी बुरा यानी बुरी चीजे नही देखनी चाहिए.

लेकिन क्या जानते है की हम सभी इस इन्टरनेट के जमाने में खुद को जितना अधिक विकसित होना मानते है लेकिन हम इन्ही इन्टरनेट के जरिये अब अश्लील चीजे भी देखना बहुत अधिक पसंद करने लगे है जिससे कही न कही हमारा चरित्र पतन भी होता जा रहा है जरा सोचिये पहले क्या बलात्कार जैसे जघन्य अपराध सुनने को मिलते थे लोगो में लोकलाज का भी होता था शायद आज के जमाने में ऐसा नही रहा.

तो ऐसे में यदि आज हमे अपनी चरित्र का विकास करना है व्यवहार में सादगी लाना है तो हमे बुरे चीजो को देखने से परहेज करना चाहिए तभी आज के जमाने में गांधीजी के इस बन्दर का दिया हुआ संदेश का सही अर्थ जा सकता है.

2 – बुरा मत बोलो

गांधीजी के दुसरे बन्दर का अपने मुह पर हाथ रखे हुए यही संदेश जाता है की हमे कभी भी बुरा नही बोलना चाहिए जरा सोचिये आप किसी के प्रति बुरा बोलते है या लड़ते झगड़ते है तो उस समय निश्चित ही आपके शरीर और दिमाग में भी एक बेचैनी और घबराहट सी जरुर होती होगी इसका सीधा सा अर्थ है की हमारा शरीर और दिमाग न तो बुरी बाते सुनना पसंद करता है और न किसी को बुरा कहना पसंद करता है.

लेकिन वर्तमान में आजकल लोगो में इतना अधिक कम्पटीशन बढ़ गया है हर कोई अपने आप को ऊचा साबित करने में लगा हुआ जिसका उदाहरण आप इन्टरनेट पर लोगो की भावनाओं को आहत करने वाली धर्म की निंदा, दुसरे के धर्म को नीचा दिखाना, दुसरो के लिए अपमानजनक शब्द जैसे लाखो पोस्ट मिल जायेगे जो कही न कही एक अच्छे समाज के निर्माण के लिए अच्छी बात नही है.

ऐसे में यदि आप दुसरो से अपने प्रति अच्छा सुनना चाहते है तो हमे खुद दुसरो के लिए मीठा भी बोलना पड़ेगा जैसा की कबीरदास जी ने भी कहा है.

“ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोय।

औरन को सीतल करे, आपहुं सीतल होय”

अर्थात हमे दुसरो के प्रति ऐसी वाणी या बोली बोलनी चाहिए जिससे की हमारा मन भी सुद्ध रहे और हमारी वाणी भी दुसरो को मीठी और प्यारी लगे जिससे सुनने वाले के हृदय में भी आपके लिए सम्मान की भावना बढे

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3 – बुरा मत सुनो

गांधीजी के तीसरे बन्दर का संदेश था की हमे कभी भी बुरा भी नही सुनना चाहिए यानी आपके सामने कोई बुराई करता रहे और आप चुपचाप सुनते रहेगे तो यह भी एक तरह पाप ही है यानी बुराई सुनकर चुप रहना भी एक तरह से बुराई को बढ़ावा देना है.

लेकिन आज के ज़माने में जब कोई किसी की बुराई करता है तो लोग उसे बड़े चाव से ही सुनते है और ऐसा सुनकर कही व्यक्ति के मन में आनंद भी प्राप्त होता है इसलिए गांधीजी के इस बन्दर का यही संदेश था की हमे कभी भी किसी की न बुराई करनी चाहिए और ना ही किसी की बुराई सुननी चाहिए.

तो देखा आपने गांधीजी ने अपने 3 बंदरो के माध्यम से समाज के लोगो को कितना अच्छा संदेश दिया था लेकिन आज के ज़माने में इस बंदरो के संदेश को अब युही लिया जाने लगा है.

जैसे ना मैंने कुछ देखा ही, ना मैंने कुछ सुना ही और ना मैं कुछ बोलूँगा भी, यानि व्यक्ति समाज के बीच में रहकर सिर्फ अपने फायदे तक ही सिमित रह गया है ऐसे में आज के ज़माने में भ्रष्टाचार एक बहुत बड़ा रोग बन गया है ऐसे में अब समाज को सही दिशा में ले जाने के लिए और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बुरा मत करे सन्देश के साथ “बुरा मत करो” ऐसा कहना भी आवश्यक हो गया है.

तो आज हम सब कह सकते है बुरा मत देखो, बुरा मत बोलो, बुरा मत सुनो, और बुरा मत करो जैसे संदेशो के साथ हमे अपने समाज में आगे बढने की जरूरत है.

तो आप सभी को Gandhi Ji Ke 3 Bandar ke Sandesh | गांधीजी के तीन बन्दर के सन्देश पोस्ट कैसा लगा हमे जरुर बताये और इस पोस्ट को शेयर भी जरुर करे.

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