Hate Story 3 Story in Hindi
नफरत और जलन की हेट स्टोरी इन हिंदी
आज के जमाने में जहा इन्सान अपने तरक्की और विकास के बड़े बड़े वादे करते है फिर भी लोगो के मन एक दुसरे के प्रति जलन का भाव रखते है जो यही जलन इन्सान को अंदर ही अंदर खोखला कर रही है और जो भी इन्सान अपने मन में नफरत की भावना से जीता है वो कभी भी अपने आप को खुश नही महसूस कर सकता है इसी सोच पर आईये हम सभी पढ़ते है एक ऐसी प्रेरणादायक कहानी | Good Moral Stories Hatred and Hate जो की जलन और नफरत की सोच पर आधारित है.
जलन और नफरत की प्रेरणादायक कहानी
Good Moral Stories in Hindi Hatred and Hate
एक स्कूल में शिक्षक ने बच्चो के साथ खेल के माध्यम से बच्चो को समझाने का निश्चय किया इसके लिए शिक्षक ने प्रत्येक बच्चो से कहा की सभी बच्चे जिन जिन अपने दोस्तों या किसी से भी जलन का भाव रखते है उनके नाम पर अपने साथ प्लास्टिक की थैली में आलू लायेगे और जो जितना लोगो से जलते है वे उतने ही आलू उस प्लास्टिक की थैली में आलू रखेगे और वे जहा भी जायेगे आलू की थैली अपने साथ रखेगे और वे तब तक ऐसा करेगे जबतक की उन्हें मना न किया जाय.
अब सभी बच्चे उत्सुकतापूर्वक जिन जिन लोगो से अपने मन में जलन का भाव रखते थे उतने आलू प्लास्टिक की थैली में साथ लाने लगे कोई 2 आलू तो कोई 4 आलू तो 5 आलू अपने साथ लाता और स्कूल में जहा भी रहते सभी बच्चे अपने साथ आलू की थैली साथ रखते.
दिन बीतता गया लगभग सप्ताह भर के भीतर ही सबके अपने पास रखे आलू सड़ने लगे और सभी के पास रखे आलुओ से दुर्गन्ध आने लगी जिससे अब सभी छात्र परेशान होने लगे पूरा स्कूल में आलू की दुर्गन्ध आने लगी थी.
फिर सभी बच्चो ने इसकी शिकायत अपने अध्यापक से किया.
तो अध्यापक ने इस खेल का अर्थ समझाते हुए कहा की “देखो बच्चो जो तुम आलू अपने पास रखे हो वे तो तुम्हारे अपने ही जानने वाले लोगो के नाम से ही है जिनसे तुम जलते हो सोचो अगर तुम इन सड़े हुए आलुओ को पास सप्ताह भर के बाद नही रख पा रहे हो और जहा भी कही जाते हो इनकी बदबू आप लोगो को परेशान कर रही है,
तो भला आप सभी लोग अपने मन में किसी के प्रति नफरत और जलन का भाव रखते है वह भी तो आपके मन को दूषित कर रहा है तो भला आप लोग इस जलनयुक्त दूषित मन से अपने आपको कैसे रख पाते है सोचो जहा सिर्फ सभी सिर्फ एक हफ्ते में ही सभी आलू के बदबू से सभी परेशान हो गये तो जीवन भर अपने मन में दुसरो के प्रति नफरत और जलन का भाव के साथ कैसे जी पाते है”
अब सभी बच्चे समझ गये थे की जिस प्रकार अगर हम सभी दुर्गन्धयुक्त आलू अपने पास ज्यादा दिन नही रख सकते तो भला अपने मन में किसी के प्रति दूषित भाव को क्यों रखना चाहिए जो कही न कही ये जलन और दूषित भाव हमारे मन को ही गंदा कर रहा है इसके बाद सभी बच्चो ने अपने शिक्षक से वादा किया की अब वे कभी भी अपने दिल में किसी के प्रति नफरत और जलन की भावना नही रखेगे
नैतिक शिक्षा
इन कहानियों को भी पढ़े और शेयर करे :-
- खुद की प्रतिभा को निखारे Skills Development Story in Hindi
- खुद को बदलो दुनिया को नही नैतिक शिक्षा कहानी Change Yourself Moral Story
- खुश कौन है कौवा और मोर के ख़ुशी की कहानी Kahani with Moral in Hindi
- गरीब किसान के धन की कहानी Garib Kisan Ki Kahani in Hindi