HomeAnmol Vachanरविदास जी के दोहे हिंदी अर्थ सहित के साथ

रविदास जी के दोहे हिंदी अर्थ सहित के साथ

Ravidas Ke Dohe Hindi Arth Sahit

रविदास जी के दोहे हिन्दी अर्थ सहित

समाज में फैले बुराईयों, कुरूतियो को दूर करते हुए सभी को एकता के सूत्र में बाधने का कार्य करते ही और सभी को ईश्वर की भक्ति करते हुए सच्चाई की मार्ग पर चलने का राह दिखाते है संत रविदास जिन्हें गुरु रविदास, रैदास, रूहिदास और रोहिदास जैसे अनेको नाम से भी जाना जाता है मध्युगीन भारत के महान समाज सुधारक, संत संत रविदास के दिखाए हुए भक्ति के मार्ग पर चलते हुए सत्य का पालन करना ही सच्ची ईश्वर की भक्ति और सेवा है रविदास के ऐसे विचार आज भी हम सभी के अनुकरणीय है, तो आईये रविदास जी के दोहे हिन्दी अर्थ सहित  | Ravidas Ke Dohe को जानते है

संत रविदास के दोहे

Ravidas Ji Ke Dohe In Hindi

Ravidas Ke Doheदोहा –

रविदास’ जन्म के कारनै, होत न कोउ नीच,

नर कूँ नीच करि डारि है, ओछे करम की कीच

हिन्दी अर्थ :- रविदास जी कहते है की सिर्फ जन्म लेने से कोई नीच नही बन जाता है लेकिन इन्सान के कर्म ही उसे नीच बनाते है.

Ravidas Ji Ke Dohe –

दोहा – मन चंगा तो कठौती में गंगा

हिन्दी अर्थ :- रविदास जी कहते है की यदि आपका मन और हृदय पवित्र है साक्षात् ईश्वर आपके हृदय में निवास करते है

दोहा – जाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पात,
रैदास मनुष ना जुड़ सके जब तक जाति न जात

हिन्दी अर्थ :- रविदास जी कहते है की जिस प्रकार केले के तने को छिला जाये तो पत्ते के नीचे पत्ता फिर पत्ते के नीचे पत्ता और अंत में कुछ नही निकलता है लेकिन पूरा पेड़ खत्म हो जाता है ठीक उसी प्रकार इंसान भी जातियों में बाँट दिया गया है इन जातियों के विभाजन से इन्सान तो अलग अलग बंट जाता है और इन अंत में इन्सान भी खत्म हो जाते है लेकिन यह जाति खत्म नही होती है इसलिए रविदास जी कहते है जब तक ये जाति खत्म नही होंगा तबतक इन्सान एक दुसरे से जुड़ नही सकता है या एक नही हो सकता है.

कबीर दास जी के दोहे हिन्दी में

Ravidas Ke Dohe In Hindi

दोहा – हरि-सा हीरा छांड कै, करै आन की आस।

ते नर जमपुर जाहिंगे, सत भाषै रविदास

हिन्दी अर्थ – रविदास जी कहते है की हीरे से बहुमूल्य हरी यानि ईश्वर को छोड़कर अन्य चीजो की आशा करते है उन्हें अवश्य ही नर्क जाना पड़ता है अर्थात प्रभु की भक्ति को छोडकर इधर उधर भटकना व्यर्थ है

दोहा – करम बंधन में बन्ध रहियो, फल की ना तज्जियो आस
कर्म मानुष का धर्म है, सत् भाखै रविदास

हिन्दी अर्थ – रविदास जी कहते है की हमे हमेसा अपने कर्म में लगे रहना चाहिए और कभी भी कर्म बदले मिलने वाले फल की आशा भी नही छोडनी चाहिए क्युकी कर्म करना हमारा धर्म है तो फल पाना भी हमारा सौभाग्य है.

रहीम दास जी के दोहे Rahim ke Dohe

संत रविदास जी के दोहे

दोहा –

कह रैदास तेरी भगति दूरि है, भाग बड़े सो पावै

तजि अभिमान मेटि आपा पर, पिपिलक हवै चुनि खावै

हिन्दी अर्थ – रविदास जी के इस दोहे का आशय यही है की ईश्वर की भक्ति बड़े भाग्य से प्राप्त होती है यदि आपमें थोडा सा भी अभिमान नही है तो निश्चित ही आपका जीवन सफल रहता है ठीक वैसे ही जैसे एक विशालकाय हाथी शक्कर के दानो को बिन नही सकता है लेकिन एक तुच्छ सी दिखने वाली चीटी भी शक्कर के इन दानो को आसानी से बिन लेती है इस प्रकार इंसानों को भी बडप्पन का भाव त्यागकर ईश्वर की भक्ति में अपना ध्यान लगाना चाहिए

Ravidas Dohe In Hindi

दोहा –  कृस्न, करीम, राम, हरि, राघव, जब लग एक न पेखा

वेद कतेब कुरान, पुरानन, सहज एक नहिं देखा

हिन्दी अर्थ – रविदास जी कहते है की राम, कृष्ण, हरी, ईश्वर, करीम, राघव सब एक ही परमेश्वर के अलग अलग नाम है वेद, कुरान, पुराण आदि सभी ग्रंथो में एक ही ईश्वर का गुणगान किया गया है और सभी ईश्वर की भक्ति के लिए सदाचार का पाठ सिखाते है.

मीराबाई के पद दोहे हिन्दी अर्थ सहित

संत रविदास जी के दोहे अर्थ सहित

दोहा – जा देखे घिन उपजै, नरक कुंड मेँ बास

प्रेम भगति सों ऊधरे, प्रगटत जन रैदास

हिन्दी अर्थ – रविदास जी कहते है की जिस रविदास को देखने से लोगो को घृणा आती थी जिनका निवास नर्क कुंद के समान था ऐसे रविदास का ईश्वर की भक्ति में लीन हो जाना सच में फिर दे उनकी मनुष्य के रूप में उत्पत्ति हो गयी है

दोहा – रैदास कहै जाकै हदै, रहे रैन दिन राम

सो भगता भगवंत सम, क्रोध न व्यापै काम

हिन्दी अर्थ – रविदास जी कहते है की जिसके हृदय में रात दिन राम समाये रहते है ऐसा भक्त होना राम के समान है क्युकी फिर उसके ऊपर न तो क्रोध का असर होता है और न ही काम की भावना उसपर हावी होती है.

तो आप सबको संत रविदास के ये दोहे | Ravidas Ji ke Dohe कैसे लगे कमेंट बॉक्स में जरुर शेयर करे

पढ़े :-संत गुरु रविदास जीवन परिचय

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15 COMMENTS

  1. IT IS NICE TO KNOW ABOUT SANT
    RAVI DAS JI. I AM TOUCHED WITH HIS INSPIRERATION. THOUGHT S
    AND LOVED IT. GOD BLESSED SRI
    RAVIDAS JI. OM SAI RAM.

  2. Bhajan देखो देखो मेरे भैया मिला है मनुष्य तन बड़े भाग से ll(1). बुरा कहो ना बुरा सुनो ना ना बुरा तुम देखो l. पुराना सोचो सोच समझ ले फिर बाहर कह देखो ll….(2) बुरे कर्म को बुरा नतीजा ना मानो कर देखो जीने जीने ने यहां बुरा ओ करो है उनको जाकर घर देखो ll…(3) रावण देखो कोरोवा देखो चलो कंस घर देखो l तीनों ke nirvansh ko देखो hua विध्वंस को देखो ll,…(4) चार वेद छह शास्त्र में देखो पुराण 18 देखो! दुख दीना दुख होय रे भैया सुख देने सुख देखो ll….. ओ देखो मोरे भैया मिला है मनुष्य तन बड़ी भाग से…..

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