HomeAnmol Vachanसनातन आदि गुरु शंकराचार्य के अनमोल विचार

सनातन आदि गुरु शंकराचार्य के अनमोल विचार

Adi Guru Shankaracharya Anmol Vichar Quotes In Hindi

आदि गुरु शंकराचार्य के अनमोल विचार वचन कोट्स

भारतीय सभ्यता में सनातन धर्म के आदि काल से चली आ रही परम्परा के प्रचार, प्रसार में आदि गुरु शंकराचार्य का बहुमूल्य योगदान है, पूरे भारत में सनातन धर्म प्रचार, प्रसार के लिए गुरु शंकराचार्य ने पूरे भारत में मठो और बारह ज्योतिर्लिंगों का स्थपाना किया था, जिनके योगदान के कारण ही पूरे भारत को एक सूत्र में बाधने का कार्य किया था.

तो चलिए आदि गुरु शंकराचार्य के कहे गये अनमोल वचन और अनमोल विचारो, Adi Shankaracharya Vichar In Hindi, Adi Shankaracharya Quotes In Sanskrit, Adi Shankaracharya Ke Anmol Vachan, Shankaracharya Vachan, Shankaracharya Bani, Shukracharya Quotes In Hindi, Powerful Quotes From Shankaracharya, Shankaracharya Thoughts को जानते है.

आदि गुरु शंकराचार्य के अनमोल विचार वचन कोट्स

Guru Shankaracharya Anmol Vichar Quotes in Hindi

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

आत्मसंयम क्या है ? आंखो को दुनिया की चीज़ों की ओर आकर्षित न होने देना और बाहरी तत्वों को खुद से दूर रखना.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

यह परम सत्य है की लोग आपको उसी समय तक याद करते है जब तक आपकी सांसें चलती हैं. इन सांसों के रुकते ही आपके क़रीबी रिश्तेदार, दोस्त और यहां तक की पत्नी भी दूर चली जाती है.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

अज्ञानता के कारण आत्मा सीमित लगती है लेकिन जब अज्ञान का अंधेरा मिट जाता है तब आत्मा के वास्तविक स्वरुप का ज्ञान हो जाता है. जैसे बादलों के हट जाने पर सूर्य दिखाई देने लगता है.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

Adi Guru Shankaracharyaजिस तरह किसी दीपक को चमकने के लिए दूसरे दीपक की ज़रुरत नहीं होती है ठीक उसी तरह आत्मा को जो खुद ज्ञान का स्वरूप है उसे और क़िसी ज्ञान कि आवश्यकता नही होती है.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

कर्म चित्त की शुद्धि के लिए ही है, तत्व दृष्टि के लिए नहीँ  | सिद्धि तो विचार से ही होती है | करोड़ो कर्मोँ से कुछ भी नहीँ हो सकता,

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

अज्ञानता के कारण आत्मा सीमित लगती है लेकिन जब अज्ञान का अंधेरा मिट जाता है तब आत्मा के वास्तविक स्वरुप का ज्ञान हो जाता है. जैसे बादलों के हट जाने पर सूर्य दिखाई देने लगता है.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

प्राणियोँ के लिए चिंता ही ज्वर है.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

हर व्यक्ति को यह ज्ञान होना चाहिए कि आत्मा एक राजा के समान होती है जो शरीर, इन्द्रियों, मन बुद्धि से बिल्कुल अलग होती है. आत्मा इन सबका साक्षी स्वरूप हैं. 

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

ज्ञान की अग्नि सुलगते ही कर्म भस्म हो जाते हैँ.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

मोह से भरा हुआ इंसान एक सपने कि तरह हैं, यह तब तक ही सच लगता है जब तक वह अज्ञान की नींद में सो रहे होते है. जब उनकी नींद खुलती है तो इसकी कोई सत्ता नही रह जाती है.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

यथार्थ ज्ञान ही मुक्ति का कारण है और हमेँ यथार्थ ज्ञान की प्राप्ति परमार्थिक कर्मोँ से ही होती है.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

लोग तभी तक याद रखते है जब तक उनकी साँसे चलती है जैसे ही साँसे चलनी बंद हो जाती है सबसे करीबी रिश्तेदार, मित्र यहाँ तक की पत्नी भी अपनों से दूर चली जाती हैं.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

तत्व वस्तु की प्राप्ति का मुख्य उपाय ध्यान है | सबसे उत्तम तीर्थ अपना मन है जो विशेष रुप से शुद्ध किया हुआ हो.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

तीर्थ करने के लिए किसी जगह जाने की जरूरत नहीं है. सबसे बड़ा और अच्छा तीर्थ आपका अपना मन है जिसे विशिष्ट रूप से शुद्ध किया गया हो.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

जिसे सब तरह से संतोष है वही धनवान है.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

आत्म अज्ञान के कारण ही सीमित प्रतीत होती है, परन्तु जब अज्ञान मिट जाता है, तब आत्मा के वास्तविक स्वरूप का ज्ञान हो जाता है, जैसे बादलों के हट जाने पर सूर्य दिखाई देता है.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

पुरुषार्थ हीन व्यक्ति जीते जी ही मरा हुआ है.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

हर व्यक्ति को यह ज्ञान होना चाहिए कि आत्मा एक राज़ा के समान होती है जो शरीर, इन्द्रियों, मन, बुद्धि से बिल्कुल अलग होती है. आत्मा इन सबका साक्षी स्वरुप है.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

हर व्यक्ति को यह ज्ञान होना चाहिए कि आत्मा एक राज़ा के समान होती है जो शरीर, इन्द्रियों, मन, बुद्धि से बिल्कुल अलग होती है. आत्मा इन सबका साक्षी स्वरुप है.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

जिस तरह किसी दीपक को चमकने के लिए दूसरे दीपक की ज़रुरत नहीं होती है ठीक उसी तरह आत्मा को जो खुद ज्ञान का स्वरूप है उसे और क़िसी ज्ञान कि आवश्यकता नही होती है.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

आत्मसंयम क्या है ? आंखो को दुनिया की चीज़ों कि ओर आकर्षित न होने देना और बाहरी ताकतों को खुद से दूर रखना.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

तीर्थ करने के लिए किसी जगह जाने की जरूरत नहीं है. सबसे बड़ा और अच्छा तीर्थ आपका अपना मन है जिसे विशिष्ट रूप से शुद्ध किया गया हो.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

सत्य की राह पर चले…यही सबके कल्याण का मार्ग है.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

सत्य की कोई भाषा नहीं है. भाषा तो सिर्फ मनुष्य द्वारा बनाई गई है लेकिन सत्य मनुष्य का निर्माण नहीं, आविष्कार है. सत्य को बनाना या प्रमाणित नहीं करना पड़ता.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

बाहरी ताकतों को अपने से दूर रखना और दुनिया के तमाम चीजों की तरफ आकर्षित ना होना ही आत्मसंयम कहलाता है.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

सत्य की परिभाषा क्या है? सत्य की इतनी ही परिभाषा है कि जो सदा था, जो सदा है और जो सदा रहेगा.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

उस समय धर्म की किताबे पढ़ने का कोई मतलब नहीं जब तक आप सच का पता न लगा पाए, इसी तरह से अगर आप सच जानते है तो धर्मग्रंथ पढ़ने कि कोई जरूरत नहीं हैं.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

हमें आनंद तभी मिलता है जब हम आनंद कि तलाश नही कर रहे होते है,

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

जब मन में सत्य जानने की जिज्ञासा पैदा हो जाती है तब दुनिया की बाहरी चीज़े अर्थहीन लगती हैं.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

सत्य की कोई भाषा नहीं है. भाषा तो सिर्फ मनुष्य द्वारा बनाई गई है लेकिन सत्य मनुष्य का निर्माण नहीं, आविष्कार है. सत्य को बनाना या प्रमाणित नहीं करना पड़ता.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

यह मोह से भरा हुआ संसार है एक स्वप्न की तरह है, यह तब तक ही सत्य प्रतीत होता है जब तक व्यक्ति अज्ञान रुपी निद्रा में सो रहा होता हैं, परन्तु जाग जाने पर इसकी कोई सत्ता नही रहती.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

सत्य की परिभाषा क्या है ? सत्य की बस इतनी ही परिभाषा है की जो सदा था, जो सदा है और जो सदा रहेगा.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

मोह से भरा हुआ इंसान एक सपने कि तरह हैं, यह तब तक ही सच लगता है जब तक आप अज्ञान की नींद में सो रहे होते है।  जब नींद खुलती है तो इसकी कोई सत्ता नही रह जाती है।

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

प्रज्वलित दीपक को चमकने के लिए, दुसरे दीपक की आवश्यकता नहीं होती. उसी प्रकार आत्मा जो स्वयं ज्ञान का स्वरूप है उसे और किसी ज्ञान की आवश्यकता नहीं होती.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

यह परम सत्य है की लोग आपको उसी समय तक याद करते है जब तक आपकी सांसें चलती हैं. इन सांसों के रुकते ही आपके क़रीबी रिश्तेदार, दोस्त और यहां तक की पत्नी भी दूर चली जाती है.

Guru Shankaracharya Quotes Anmol Vichar-

परमात्मा और आत्मा में कोई फर्क नहीं होता यह दोनों एक ही है लेकिन इंसान अज्ञानता के कारण इसे अलग अलग समझ बैठता है.

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