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Biography

भारत के मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम की शानदार जीवनी – Apj Abdul Kalam Biography In Hindi

Apj Abdul Kalam Biography In Hindi

एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी

Apj Abdul Kalam यानि जिनका पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलअब्दीन अब्दुल कलाम, जिन्हे भारत का मिसाइल मैंन, महान वैज्ञानिक और भारत के राष्ट्रपति के रूप मे जाने जाते है, आज के सभी भारतीयो के लिए सफलता के प्रेरणादायक श्रोत्र है, उनका पूरा जीवन संघर्ष और सफलता से भरा हुआ था, जिनसे हम सभी कुछ सीख सकते है, उनके जीवन से आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा ले सकते है, इस तरह आज के युवाओ के Apj Abdul Kalam Sir सबसे ज्यादा लोगो को प्रेरणा देने वाले है।

तो चलिये जीवन मे सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए भारत के महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम सर की जीवनी Apj Abdul Kalam Biography, Autobiography of Apj Abdul Kalam को हिन्दी मे जानते है। तो इस तरह एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी, उनके गए बातों से, दिखाये गए ज्ञान के मार्ग से हम सभी प्रेरणा ले सकते है,

डाक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी

Apj Abdul Kalam Biography in Hindi

Apj Abdul Kalamभारत के महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था, उनका जन्म धनुषकोडी, रामेश्वरम, तमिलनाडु भारत में हुआ था, उनके सम्मान मे उनकी जयंती को विश्व छात्र दिवस (World Student Day) के रूप में मनाया जाता है, Apj Abdul Kalam Sir सन 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे. इस दौरान भारत की विकसित होने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए,

उन्हें सन 1997 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था और फिर उन्होंने भौतिकी और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग का अध्ययन किया था, वे भारत के मिसाइल के जनक कहे जाते है, भारत मे मिसाइलो के निर्माण का श्रेय इनको जाता है, जिस कारण वे Missile Man के नाम से प्रसिद्ध है,॥

एपीजे अब्दुल कलाम का संछिप्त जीवन परिचय

Apj Abdul Kalam Short Biography in Hindi

पूरा नाम: अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम (डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम)

प्रसिद्ध नाम: मिसाइल मैंन (Missile Man)

जन्म: 15-अक्टूबर सन 1931

जन्म स्थान: धनुषकोडी, रामेश्वरम, तमिलनाडु, भारत

माता: अशिअम्मा (गृहणी)

पिता: जैनुलअबिदीन (जो की एक नाविक थे)

राष्ट्रीयता: भारतीय (Indian)

व्यवसाय: इंजीनियर, वैज्ञानिक, लेखक, प्रोफेसर, राजनीतिज्ञ

प्रसिद्ध: डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम 2002 से 2007 तक राष्ट्रपति रहे

उपलब्धियां: एक सफल वैज्ञानिक और महान इंजिनियर के तौर पर उन्होंने रक्षा अनुसन्धान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर कार्य किया.

निधन: 27 जुलाई 2015, शिलांग, मेघालय, भारत

डाक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की प्रारम्भिक जीवनी

Apj Abdul Kalam Biography in Hindi

Apj Abdul Kalam जिनका पूरा नाम (Apj Abdul Kalam Full Name) अवुल पकिर जैनुलअबिदीन अब्दुल कलाम है, उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक मुसलमान परिवार मैं हुआ। उनके पिता जैनुलअबिदीन जो की एक नाविक थे और उनकी माता अशिअम्मा एक गृहणी थीं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थे, उनके पिता के कमाए हुए पैसो से घर नही चल पाता था, इसलिए उन्हें छोटी उम्र से ही काम करना पड़ा, वे अपने पिता की आर्थिक मदद के लिए बचपन मे अब्दुल कलाम सुबह सुबह समाचार पत्र, अखबार बेचने का कार्य करते थे।

एपीजे अब्दुल कलाम की पढ़ाई

Studies of Apj Abdul Kalam in Hindi

बचपन के स्कूल के दिनों में अब्दुल कलाम पढाई-लिखाई में सामान्य थे, लेकिन उन्हे नयी चीज़ सीखने के लिए हमेशा तत्पर और आगे रहते थे, उनके अन्दर सीखने इस कदर की भूख थी, की वो पढाई पर घंटो ध्यान देते थे, उन्होंने अपनी स्कूल की प्रारम्भिक शिक्षा रामनाथपुरम स्च्वार्त्ज़ मैट्रिकुलेशन स्कूल से पूरी की,

फिर इसके बाद वे तिरूचिरापल्ली के सेंट जोसेफ्स कॉलेज में दाखिला लिया, जहाँ से उन्होंने सन 1954 में भौतिक विज्ञान में स्नातक किया। फिर उसके बाद सन 1955 में वो मद्रास चले गए, जिसे अब सभी चेन्नई के नाम से जानते है, जहाँ से उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की शिक्षा ग्रहण की, और फिर सन 1960 में अब्दुल कलाम ने मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग (स्नातक) की पढाई पूरी की।

एपीजे अब्दुल कलाम का कैरियर

Career of APJ Abdul Kalam in Hindi

मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढाई पूरी करने के बाद अब्दुल कलाम ने रक्षा अनुसन्धान और विकास संगठन (DRDO) में वैज्ञानिक के तौर पर भर्ती हुए, चुकी Abdul Kalam ने अपने कैरियर की शुरुआत भारतीय सेना के लिए एक छोटे हेलीकाप्टर का डिजाईन बना कर किया, जिस कारण से DRDO में कलाम को उनके काम से संतुष्टि नहीं मिल रही थी,

और साथ ही कलाम पंडित जवाहर लाल नेहरु द्वारा गठित ‘इंडियन नेशनल कमेटी फॉर स्पेस रिसर्च’ के सदस्य भी थे, इस दौरान उन्हें महान अंतरिक्ष वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के साथ कार्य करने का अवसर मिला। जो की अब्दुल कलाम के कैरियर के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

एपीजे अब्दुल कलाम का वैज्ञानिक जीवन

Scientific life of Apj Abdul Kalam in Hindi

फिर सन 1969 में उनका स्थानांतरण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में हुआ। यहाँ वो भारत के सैटेलाईट लांच व्हीकल परियोजना के निदेशक के तौर पर नियुक्त किये गए थे, इसी परियोजना की सफलता के परिणामस्वरूप भारत का प्रथम उपग्रह ‘रोहिणी’ पृथ्वी की कक्षा में वर्ष 1980 में स्थापित किया गया,

इसरो में शामिल होना Abdul Kalam के कैरियर का सबसे अहम मोड़ था, और फिर जब उन्होंने सैटेलाईट लांच व्हीकल परियोजना पर कार्य आरम्भ किया तब उन्हें लगा जैसे वो वही कार्य कर रहे हैं जिसमे उनका मन लगता है, इस कार्य से काफी संतुष्ट भी थे।

फिर सन 1963-64 के दौरान उन्होंने अमेरिका के अन्तरिक्ष संगठन नासा की भी यात्रा की। परमाणु वैज्ञानिक राजा रमन्ना, जिनके देख-रेख में भारत ने पहला परमाणु परिक्षण किया, ने कलाम को वर्ष 1974 में पोखरण में परमाणु परिक्षण देखने के लिए भी बुलाया था, फिर इन्होंने 1974 में भारत द्वारा पहले मूल परमाणु परीक्षण के बाद से दूसरी बार 1998 में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व मे भारत के पोखरण-द्वितीय परमाणु परीक्षण में एक निर्णायक, संगठनात्मक, तकनीकी और राजनैतिक भूमिका निभाई, उनके अगुवाई मे भारत ने परमाणु क्षेत्र मे पूरे विश्व मे अपनी धाक जमायी।

सत्तर और अस्सी के दशक में अपने कार्यों और सफलताओं से डॉ कलाम भारत में बहुत प्रसिद्द हो गए और देश के सबसे बड़े वैज्ञानिकों में उनका नाम गिना जाने लगा था, उनकी ख्याति इतनी बढ़ गयी थी की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने अपने कैबिनेट के मंजूरी के बिना ही उन्हें कुछ गुप्त परियोजनाओं पर कार्य करने की अनुमति दी थी,

सन 1972 में वे इस तरह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन से जुड़े, अब्दुल कलाम को परियोजना महानिदेशक के रूप में भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह (SLV- III) प्रक्षेपास्त्र बनाने का श्रेय हासिल हुआ। फिर सन 1980 में इन्होंने रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के निकट स्थापित किया था। इस प्रकार भारत भी अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन गया।

इसरो लॉन्च व्हीकल प्रोग्राम को परवान चढ़ाने का श्रेय भी Abdul Kalam को प्रदान किया जाता है, भारत सरकार ने महत्वाकांक्षी ‘इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम’ का प्रारम्भ डॉ कलाम के देख-रेख में किया, वह इस परियोजना के मुख कार्यकारी थे, अब्दुल कलाम ने स्वदेशी लक्ष्य भेदी नियंत्रित प्रक्षेपास्त्र (गाइडेड मिसाइल्स) को डिजाइन किया, इन्होंने ही अग्नि एवं पृथ्वी जैसे प्रक्षेपास्त्रों को स्वदेशी तकनीक से बनाया था, और फिर कलाम जुलाई 1992 से दिसम्बर 1999 तक रक्षा मंत्री के विज्ञान सलाहकार तथा सुरक्षा शोध और विकास विभाग के सचिव थे, फिर उन्होंने रणनीतिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली का उपयोग आग्नेयास्त्रों के रूप में किया।

फिर जुलाई 1992 से लेकर दिसम्बर 1999 तक डॉ कलाम प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार और रक्षा अनुसन्धान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के सचिव थे। भारत ने अपना दूसरा परमाणु परिक्षण इसी दौरान किया था, उन्होंने इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आर. चिदंबरम के साथ डॉ कलाम इस परियोजना के समन्वयक थे। इस दौरान मिले मीडिया कवरेज ने उन्हें देश का सबसे बड़ा परमाणु वैज्ञानिक बना दिया था।

इस तरह वर्ष 1998 में डॉ कलाम ने ह्रदय चिकित्सक सोमा राजू के साथ मिलकर एक कम कीमत का ‘कोरोनरी स्टेंट’ का विकास किया। इसे ‘कलाम-राजू स्टेंट’ का नाम दिया गया।

भारत के राष्ट्रपति के रूप मे अब्दुल कलाम

Abdul Kalam as the President of India in Hindi

एक रक्षा वैज्ञानिक के तौर पर उनकी उपलब्धियों और प्रसिद्धि के मद्देनज़र भारतीय जनता पार्टी समर्थित एन॰डी॰ए॰ घटक दलों (NDA) ने की गठबंधन सरकार ने उन्हें वर्ष 2002 में राष्ट्रपति पद का उमीदवार बनाया, उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी लक्ष्मी सहगल को भारी अंतर से पराजित किया और 25 जुलाई 2002 को भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लिए और इस तरह डॉ कलाम देश के ऐसे तीसरे राष्ट्रपति थे जिन्हें राष्ट्रपति बनने से पहले ही भारत रत्न ने नवाजा जा चुका था, इससे पहले डॉ राधाकृष्णन और डॉ जाकिर हुसैन को राष्ट्रपति बनने से पहले ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया जा चुका था,

उनके कार्यकाल के दौरान उन्हें ‘जनता का राष्ट्रपति’ कहा गया, वे हर किसी के सबसे प्रिय राष्ट्रपति थे, यूं तो अब्दुल कलाम राजनीतिक क्षेत्र के व्यक्ति नहीं थे लेकिन राष्ट्रवादी सोच और राष्ट्रपति बनने के बाद भारत की कल्याण संबंधी नीतियों के कारण इन्हें कुछ हद तक राजनीतिक दृष्टि से सम्पन्न माना जा सकता है। जिन्होने ने अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान ही भारत को विकसित राष्ट्र की श्रेणी मे बनाने के सपने दिखाये थे।

अपने कार्यकाल की समाप्ति पर उन्होंने दूसरे कार्यकाल की भी इच्छा जताई पर राजनैतिक पार्टियों में एक राय की कमी होने के कारण उन्होंने ये विचार त्याग दिया।

12वें राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के कार्यकाल के समाप्ति के समय एक बार फिर उनका नाम अगले संभावित राष्ट्रपति के रूप में चर्चा में था परन्तु आम सहमति नहीं होने के कारण उन्होंने अपनी उमीद्वारी का विचार त्याग दिया।

राष्ट्रपति के बाद अब्दुल कलाम का जीवन

Abdul Kalam’s life after the president in Hindi

राष्ट्रपति पद से सेवामुक्त होने के बाद डॉ अब्दुल कलाम शिक्षण, लेखन, मार्गदर्शन और शोध जैसे कार्यों में व्यस्त रहे, और भारतीय प्रबंधन संस्थान, शिलांग, भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद, भारतीय प्रबंधन संस्थान, इंदौर, जैसे संस्थानों से विजिटिंग प्रोफेसर के तौर पर जुड़े रहे, और इसके अलावा वह भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलोर के फेलो, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी, थिरुवनन्थपुरम, के चांसलर, अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई, में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रोफेसर भी रहे।

अब्दुल कलाम ने आई. आई. आई. टी. हैदराबाद, बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी (BHU) और अन्ना यूनिवर्सिटी में सूचना प्रौद्योगिकी भी पढाया था,

कलाम हमेशा से देश के युवाओं और उनके भविष्य को बेहतर बनाने के बारे में बातें करते थे। इसी सम्बन्ध में उन्होंने देश के युवाओं के लिए “व्हाट कैन आई गिव’ पहल की शुरुआत भी की जिसका उद्देश्य भ्रष्टाचार का सफाया है, देश के युवाओं में उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें 2 बार (2003 & 2004) ‘एम.टी.वी. यूथ आइकॉन ऑफ़ द इयर अवार्ड’ के लिए मनोनित भी किया गया था।

वर्ष 2011 में प्रदर्शित हुई हिंदी फिल्म ‘आई ऍम कलाम’ उनके जीवन से प्रभावित है। जिसे देखकर आप भी प्रभिवित हो सकते है।

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम अब्दुल कलाम का निधन

A.P.J. Abdul kalam abdul kalam Death information in Hindi

Apj Abdul Kalam imagesडॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम 27 जुलाई 2015 को, IIM शिलॉन्ग में एक व्याख्यान दे रहे थे, तभी अचानक उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी स्थिति गंभीर हो गई, इसलिए, उन्हें पास के ही बेथानी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां बाद में कार्डियक अरेस्ट से उनकी मृत्यु हो गई. श्रीजन पाल सिंह को उनके कहे गए अंतिम शब्द थे “Funny guy! Are you doing well”

30 जुलाई 2015 को, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गाँव रामेशवरम के पास हुआ. जहा पर लगभग 350,000 से ज्यादा लोग कलाम जी के अंतिम अनुष्ठान में शामिल हुए थे, जिसमें भारत के प्रधानमंत्री, तमिलनाडु के राज्यपाल और कर्नाटक, केरल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी शामिल थे। जो की अब्दुल कलाम के जीवन की यात्रा की अंतिम पड़ाव था, जिसमे हर कोई शामिल होना चाहता था।.

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के पुरस्कार और उपलब्धियां

Dr. A.P.J. Abdul Kalam: Awards and achievements

अब्दुल कलाम सर का पूरा जीवन संघर्ष और उनके सफलताओ से भरा पड़ा है, जीवन के इन मोड़ पर उन्हे अनेक पुरस्कार और उपलब्धियां प्राप्त हुआ, जो की उनके अथक मेहनत का परिणाम है, तो चलिये डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के  पुरस्कार और उपलब्धियो को जानते है।

1- 1981 में, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया.

2- 1990 में, पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया.

3- 1997 में, भारत रत्न जैसे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

4- 1998 में, वीर सावरकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

5- 2000 में, अलवरस रिसर्च सेंटर, चेन्नई ने उन्हें रामानुजन पुरस्कार प्रदान किया.

6- 2007 में, ब्रिटेन रॉयल सोसाइटी द्वारा किंग चार्ल्स द्वितीय मेडल से सम्मानित किया गया.

7- 2008 में, उन्हें सिंगापुर के नान्यांग तकनीकी विश्वविद्यालय से डॉक्टर ऑफ इंजीनियरिंग (ऑनोरिस कौसा) की उपाधि प्रदान की गई थी.

8- 2009 में, अमेरिका एएसएमई फाउंडेशन (ASME Foundation) द्वारा हूवर मेडल से सम्मानित किया गया.

9- 2010 में, वाटरलू विश्वविद्यालय ने डॉ. कलाम को डॉक्टर ऑफ इंजीनियरिंग के साथ सम्मानित किया.

10- 2011 में, वह आईईईई (IEEE) के मानद सदस्य बने.

11- 2013 में, उन्हें राष्ट्रीय अंतरिक्ष सोसाइटी द्वारा वॉन ब्रौन पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

12- 2014 में, एडिनबर्ग विश्वविद्यालय, ब्रिटेन द्वारा डॉक्टर ऑफ साइंस उपाधि से नवाजा गया था.

13- डॉ. कलाम लगभग 40 विश्वविद्यालयों के मानद डॉक्टरेट के प्राप्तकर्ता थे.

14- 2015 में, संयुक्त राष्ट्र ने डॉ. कलाम के जन्मदिन को “विश्व छात्र दिवस” ​​के रूप में मान्यता दी

15- डॉ. कलाम की मृत्यु के बाद, तमिलनाडु सरकार द्वारा 15 अक्टूबर जो कि उनका जन्म दिवस है को राज्य भर में युवा पुनर्जागरण दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई. इसके अलावा, राज्य सरकार ने उनके नाम पर “डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पुरस्कार” की स्थापना की. इस पुरस्कार के तहत 8 ग्राम का स्वर्ण पदक और 5 लाख रुपये नगद दिया जाता है. यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है, जो वैज्ञानिक विकास, मानविकी और छात्रों के कल्याण को बढ़ावा देने का काम करते हैं.

और यही नहीं, 15 अक्टूबर, 2015 को डॉ. कलाम  के जन्म की 84वीं वर्षगांठ पर, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नई दिल्ली में डीआरडीओ भवन में डॉ. कलाम की याद में डाक टिकट जारी किया.

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा लिखी गई प्रमुख पुस्तकें

Abdul Kalam Book details in Hindi

शैक्षणिक कार्यो के अलावा डॉ कलाम ने कई पुस्तकें भी लिखी जिनमे प्रमुख हैं – ‘इंडिया 2020: अ विज़न फॉर द न्यू मिलेनियम’, ‘विंग्स ऑफ़ फायर: ऐन ऑटोबायोग्राफी (अग्नि की उड़ान), ‘इग्नाइटेड माइंडस: अनलीशिंग द पॉवर विदिन इंडिया’, ‘मिशन इंडिया’, ‘इंडोमिटेबल स्पिरिट’ आदि प्रमुख है ।

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा लिखी गई प्रमुख पुस्तकें इस प्रकार है :-

1 :- इंडिया 2020: ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम (India 2020: A Vision for the New Millennium) (1998)

2 :- विंग्स ऑफ फायर: एन ऑटोबायोग्राफी (Wings of Fire: An Autobiography) (1999)

3 :- इगनाइटेड माइंड्स: अनलीजिंग द पॉवर विदिन इंडिया (Ignited Minds: Unleasing the Power Within India) (2002)

4 :- द ल्यूमिनस स्पार्क्स: ए बायोग्राफी इन वर्स एंड कलर्स (The Luminous Sparks: A Biography in Verse and Colours) (2004)

5 :- मिशन ऑफ इंडिया: ए विजन ऑफ इंडियन यूथ (Mission of India: A Vision of Indian Youth) (2005)

6 :- इन्स्पायरिंग थॉट्स: कोटेशन सीरिज (Inspiring Thoughts: Quotation Series) (2007)

7 :- यू आर बोर्न टू ब्लॉसम: टेक माई जर्नी बियोंड (You Are Born to Blossam: Take My Journey Beyond) (सह-लेखक: अरूण तिवारी) (2011)

8 :- द साइंटिफिक इंडियन: ए ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी गाइड टू द वर्ल्ड अराउंड अस (The Scientific India: A Twenty First Century Guide to the World Around Us) (सह-लेखक: वाई. एस. राजन) (2011)

9 :-  टारगेट 3 बिलियन (Target 3  Billion) (सह-लेखक: श्रीजन पाल सिंह) (2011)

10 :- टर्निंग पॉइंट्स: ए जर्नी थ्रू चैलेंजेस (Turning Points: A Journey Through Challenges) (2012)

11 :- माई जर्नी: ट्रांसफॉर्मिंग ड्रीम्स इन्टू एक्शंस (My Journey: Transforming Dreams into Actions) (2013)

12 :- मैनीफेस्टो फॉर चेंज (Manifesto For Change) (सह-लेखक: वी. पोनराज) (2014)

13 :- फोर्ज योर फ्यूचर: केन्डिड, फोर्थराइट, इन्स्पायरिंग (Forge Your Future: Candid, Forthright, Inspiring) (2014)

14 :- बियॉन्ड 2020: ए विजन फॉर टुमोरोज इंडिया (Beyond 2020: A Vision for Tomorrow’s India) (2014)

15 :- गवर्नेंस फॉर ग्रोथ इन इंडिया (Governance for Growth in India) (2014)

16 :- रिग्नाइटेड: साइंटिफिक पाथवेज टू ए ब्राइटर फ्यूचर (Reignited: Scientific Pathways to a Brighter Future) (सह-लेखक: श्रीजन पाल सिंह) (2015)

17 :- द फैमिली एंड द नेशन (The Family and the Nation) (सह-लेखक: आचार्य महाप्रज्ञा) (2015)

18 :- ट्रांसेडेंस माई स्प्रिचुअल एक्सपीरिएंसेज (Transcendence My Spiritual Experiences) (सह-लेखक: अरूण तिवारी) (2015)

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की आत्मकथाएँ

Biographies of Dr. A.P.J. Abdul Kalam Details in Hindi

1- डॉ. ए. पी.जे अब्दुल कलाम: भारत के विजनरी ( A.P.J.Abdul Kalam: The Visionary of India) (लेखक: के. भूषण और जी कैट्याल)

2- राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम (President A.P.J. Abdul Kalam) (लेखक: आरके प्रूथी)

3- महात्मा अब्दुल कलाम के साथ मेरे दिन (My Days With Mahatma Abdul Kalam) (लेखक: फ्रेट ए.के. जॉर्ज)

4- ए लिटिल ड्रीम (A Little Dream) (Documentary film) (पी. धनपाल द्वारा)

5- कलाम प्रभाव: राष्ट्रपति के साथ के मेरे वर्ष ( The Kalam Effect: My Years with the President) (लेखक: पी.एम. नायर)

6- इटरनल क्वेस्ट: जीवन और टाइम्स ऑफ डॉ कलाम ( Eternal Quest: Life and Times of Dr. Kalam ) (लेखक: एस चंद्र)

तो आप सभी को यह अब्दुल कलाम के बारे लिखी गयी जीवनी एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी Apj Abdul Kalam Biography in Hindi कैसा लगा, कमेंट मे जरूर बताए, और अब्दुल कलाम के बारे मे लोगो तक जानकारी पहुचाने के लिए इस पोस्ट को शेयर भी जरूर करे..

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