अक्सर लड़ाई झगड़ा से आपस मे एक दूसरे का ही नुकसान होता है, इसलिए हमे आपस मे प्रेम के साथ मिलजुल कर रहना चाहिए, तो इस पोस्ट मे इसी सोंच पर आधारित कहानी चालाक बंदर और दो बिल्लियो की कहानी – Chalak Bandar aur Do Billiyan Ki Hindi Kahani बताने जा रहे है, जिसे पढ़कर हमे अच्छी सीख मिलती है।
चालाक बंदर और दो बिल्लियो की कहानी
Chalak Bandar aur Do Billiyan Ki Kahani
एक बार की बात है, दो बिल्लिया भोजन की तलाश मे भटक रही थी, तभी उन्हे एक घर मे एक रोटी मिला, जिसे लेकर दोनों घर के बाहर आ गयी, फिर दोनों बिल्लिया आपस मे झगड़ने लगी, एक बिल्ली कहती की रोटी मैंने पाया है तो इसे मै पूरा खाऊगी, तो दूसरी बिल्ली बोलती है, उसने जिस घर मे रोटी मिला है, उस घर को उसने पहले बताया है, उसकी रोटी है, इसलिए वह पूरा रोटी खायेगी,
फिर दोनों लड़ते लड़ते एक पेड़ के पास पहुच गयी, जिस पेड़ पर एक बंदर बैठा था, वह उन दोनों बिल्लियो की झगड़ो को देख रहा था, उसे उस झगड़े का पूरा माजरा समझ मे आ गया था, और फिर वह पेड़ से उतरकर नीचे उन दोनों बिल्लियो के पास आ गया, और बंदर बोला की तुम लोग आपस मे लड़ क्यू रहे हो,
तो दोनों बिल्लियो ने अपने हक की बात करते हुए कहने की उन्होने पहले रोटी पायी है, इसलिए उसपर उनका पूरे पर हक है, इसलिए हम आपस मे लड़ रहे है, की रोटी पर पूरा हक किसका है,
तो बिल्लियो की यह बात सुनकर बंदर बोला बस इतनी से बात है, लाओ रोटी मुझे दो, मै तुम दोनों का अभी फैसला कर देता हु की उस रोटी पर किसका कितना हिस्सा होना चाहिए,
फिर दोनों बिल्लियो ने रोटी को बंदर को दे दिया, फिर बंदर ने रोटी मिलते हुए उसे दो टुकड़ो मे तोड़ दिया, जिसमे एक टुकड़ा थोड़ा बड़ा था और दूसरा थोड़ा छोटा था, इसपर बंदर बोला कोई बात नहीं अभी मै इसे बराबर कर देता हु फिर उसने बड़े रोटी के टुकड़े से कुछ हिस्सा मुह से खा लिया, जिससे अब बड़ा वाला हिस्सा छोटा हो गया, फिर उसने फिर वही दोहराते हुए बड़े हिस्से की रोटी को मुह से खा गया, इस तरह अंत मे रोटी का सिर्फ एक छोटा सा टुकड़ा रह गया था,
जिसे देखकर बिल्लियो को अपनी गलती का अहसास हो चुका था, और वह फिर बोली की बंदर भाई आप न्याय करना रहने दो, अब आपस मे इसे मिलजुलकर बांटकर खा लेंगे,
तो फिर बंदर ने रोटी के आखिरी टुकड़े को मुह मे डालते हुए बोला की यह तो मेरे न्याय करने की फीस है, इसलिए मै इसे अपना फीस समझ कर खा लेता हु, इस तरह रोटी का टुकड़ा अब पूरी तरह बंदर खा चुका था, जिसे देखकर बिल्लिया बेचारी एक दूसरी की मुह देखती रह जाती है, और इस तरह उन दोनो को आपस मे लड़ने का पछतावा भी हो रहा है, जिसका वे भुगतान रोटी का टुकड़ा खोकर कर चुकी थी। इस तरह उन दोनों को अपने किए हुए लड़ाई का फल मिल चुका था।
- परियो की कहानी Pari Ki Kahani
- प्यार की कहानी | Love Story in Hindi
- प्यासे कौवे की कहानी | Thirsty Crow Story In Hindi
- प्रार्थना की शक्ति एक सीख देती कहानी
- फूटे घड़े की कहानी | Cracked Pot Motivational Hindi Story
- बच्चो की 7 बाल कहानिया बड़ो को सीख
कहानी से शिक्षा
इस कहानी चालाक बंदर और दो बिल्लियो की कहानी – Chalak Bandar aur Do Billiyan Ki Kahani से हमे यही शिक्षा मिलती है, कभी भी हमे आपस मे लड़ना नहीं चाहिए, और आपस मे मिलकर रहना चाहिए, नहीं तो आपस मे लड़ने से कोई तीसरा उन दोनों के बीच मे फायदा उठा सकता है,
तो आपको यह कहानी चालाक बंदर और दो बिल्लियो की कहानी – Chalak Bandar aur Do Billiyan Ki Kahani कैसा लगा, कमेंट बॉक्स मे जरूर बताए और इस कहानी को भी शेयर जरूर करे।
इन पोस्ट को भी पढे –
- झूठी सोच के विश्वास की कहानी | False Narrative Moral Story In Hindi
- टिंकू का उपहार संस्कार सिखाती एक हिन्दी स्टोरी
- तीन साधू की कहानी | Teen Sadhu Motivational Hindi Kahani
- दर्जी की सीख देती एक छोटी सी कहानी
- दादाजी के कुर्सी की कहानी | Short Stories On Grandparents In Hindi
- दादी माँ की सीख देती 2 कहानिया | Dadi Maa Ki Kahani
- दिल को छू जाने वाली एक माँ के ममता की कहानी | Mother Story in Hindi
- दुनिया के सात आश्चर्यों की कहानी | Duniya Ke Saat Ajoobe Surprise Story
- धन से बढकर मेहनत सफलता की कुंजी कहानी
- धरती फट रही है एक जातक हिन्दी कहानी