Information of Ganesh Chaturthi in Hindi
गणेश चतुर्थी पर निबंध
गणेश चतुर्थी हमारे देश भारत में रहने वाले हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है जो की पूरे भारत के विभिन्न भागो में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन यह महाराष्ट्र राज्य का एक मुख्य त्योहार है जो की महाराष्ट्र में सार्वजनिक जगहों पर गणेश पूजा की धूम पूरे राज्य में देखने को मिलती है सम्पूर्ण महाराष्ट्र में गणेश पूजन पर सिर्फ एक ही स्वर सुनाई देता है “गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया” जो की अपने आपमें एक अलग ही ख़ुशी और उल्लास को दिखाता है,
गणेश चतुर्थी पूजा | Ganesh Chaturthi Pooja भगवान गणेश के जन्म को उत्सव के रूप में मनाया जाता है तो चलिए इस Ganesh Chaturthi पर इस पोस्ट के जरिये गणेश चतुर्थी पूजन उत्सव व्रत, महत्व, कथा आदि सभी बाते जानते है.
गणेश चतुर्थी पूजन उत्सव महत्व कथा पर हिन्दी निबन्ध
Information about Ganesh Chaturthi in Hindi
गणेश चतुर्थी हिन्दुओ का एक प्रमुख त्यौहार है जो की भगवान गणेश के जन्मदिवस का त्यौहार है जो की मुख्यतः पूरे हर्ष के साथ पूरे भारत में मनाया जाता है लेकिन महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी का पर्व का अलग ही अंदाज देखने को मिलता है हर जगह सार्वजनिक जगहों, घरो- घरो में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित किया जाता है और फिर पूरे रीति रिवाज के साथ यह गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है.
गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है
Ganesh Chaturthi Kyo Manaya Jata Hai
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्म का उत्सव है इसके पीछे मनाने का मुख्य कारण इस दिन भगवान् गणेश जी जन्म दिवस माना जाता है जो की गणेश चतुर्थी से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी तक 11 दिन चलने वाला त्योहार है.
गणेश चतुर्थी मनाने के पीछे भगवान गणेश के जन्म से सम्बन्धित पौराणिक कथा है जो इस प्रकार है.
गणेश चतुर्थी का कथा और पौराणिक कथा
Ganesh Chaturthi Pauranik Katha Aur Kahani in Hindi
हिन्दू धर्म के मान्यता के अनुसार शिव पुराण के अंतर्गत गणेश चतुर्थी का कथा वर्णित है जिसमे भगवान गणेश जी की उत्पत्ति से सम्बन्धित कथा का वर्णन है जो इस प्रकार है – एक बार माता पार्वती स्नान कर रही थी थी उन्हें लगा की स्नान करते समय कोई भी आ सकता है फिर उन्होंने से अपने दिव्य शक्ति से भगवान गणेश जी की उत्पत्ति की जो की एक दिब्य बालक था फिर माता पार्वती ने उन्हें पहरेदार के रूप में स्नानघर के दरवाजे पर खड़ा रहने को कहा और भी आज्ञा दिया की मेरी अनुमति के बिना किसी को भी अंदर प्रवेश की अनुमति नही देना.
इसके बाद माता पार्वती अंदर स्नानघर में स्नान करने चली गयी इस बीच भगवान शिव वहा पधारे और फिर माता पार्वती से मिलने के लिए अंदर जाने के लिए लेकिन भगवान गणेश ने उन्हें दरवाजे पर ही रोक लिया और अंदर जाने के लिए मना किया.
जिससे भगवान शंकर क्रोधित हो गये और फिर गणेश जी भयंकर युद्ध हुआ और एक ही झटके में भगवान शंकर ने गणेश जी का सर काटकर धड़ से अलग कर दिया और अंदर चले गये.
फिर माता पार्वती यह देखकर गणेश के बारे में भगवान शंकर से पूछी की आपको कोई बालक दरवाजे पर नही रोका जो अंदर आ गये इस पर भोलेनाथ ने बीती हुई सारी बात बता दी जिसे सुनकर माता पार्वती बहुत ही क्रोधित हुई और तुरंत अपने बालक को जीवित करने को कहा जिसके बाद भगवान भोलेनाथ ने एक हाथी का सर काटकर गणेश के सर पर लगा दिया और इस प्रकार एक बार फिर से गणेश जी जीवित हो उठे और उनका नाम गजानन भी पड़ गया.
इसके बाद माता पार्वती ने भगवान गणेश के लिए वरदान मांगी की मेरा पुत्र गणेश देवताओ के प्रथम देवता रहेगे और इनकी पूजा सबसे पहले किया जायेगा इस पर भगवान भोलेनाथ ने प्रथम देव का गणेश जी को वरदान दे दिया इस प्रकार गणेश जी उस दिन से प्रथम देवता के रूप में पूजे जाने लगे.
गणेश चतुर्थी कब मनाया जाता है
Ganesh Chaturthi Kab Manaya Jata Hai
Ganesh Chaturthi | गणेश चतुर्थी हिन्दी महीना भाद्प्रद महीने के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी दिन से मनाया जाता है जिसे गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है और यह त्यौहार महाराष्ट्र में चतुर्थी से शुरू होकर अगले 10 दिन यानी चतुर्दशी तक मनाया जाता है जिसे अनंत चतुर्दशी भी कहा जाता है जो बहुत ही धूमधाम का पर्व है.
इस दौरान गणेश चतुर्थी के दिन से भगवान गणेश जी प्रतिमा जगह जगह स्थापित किया जाता है और लोग व्रत उपवास रखते है और विधिवत पूजा पाठ करते है और महाराष्ट्र के मूल निवासी मराठीयो | Marathi में इस पर्व को अलग ही धूम होती है जो की देखने लायक होता है लाखो श्रद्धालु इस दौरान इस गणेश पूजा देखने महाराष्ट्र के विभिन्न शहरो में देखने जाते है.
गणेश चतुर्थी कैसे मनाया जाता है
Ganesh Chaturthi Kaise Manaya Jata Hai
गणेश चतुर्थी | Ganesh Chaturthi भगवान गणेश जी के जन्मोत्सव का त्यौहार है जो बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है पूरे महाराष्ट्र में गणेश पूजा की छठा देखते बनती है जो की सामाजिक दृष्टि से भी बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार माना जाता है जिसमे सभी आपस में मिलकर इस पर्व को बड़े धूमधाम से मनाते है.
जगह जगह विशाल अस्थायी मन्दिर बनाये जाते है और भगवान गणेश जी की प्रतिमा स्थापित किया जाता है सभी लोग खुलकर इस गणेश उत्सव भाग लेते है इस दौरान घरो में विशेष साफ़ सफाई का ध्यान रखा जाता है लोग अपने सुविधानुसार 3 दिन, 5 दिन या 7 दिन के लिए अपने घरो में भी भगवान गणेश जी की सुंदर मूर्ति स्थापित करते है और प्रत्येक दिन विधिवत सुबह- शाम पूजा किया जाता है इस दौरान ज्यादा से ज्यादा लोग उपवास ही रखते है.
और सुबह शाम आरती की जाती है जिसमे ज्यादा से ज्यादा लोग भाग लेते है और भगवान गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त करते है.
और फिर अंत में स्थापित गणेश जी प्रतिमा को आस पास के नदी, तालाब या समुंद्र में विसर्जित किया जाता है जिसमे लोग गणेश जी प्रतिमा को स्थापित करते हुए काफी भावुक भी हो जाते है और सब यही प्रार्थना करते है अगले साल जल्दी से गणेश जी हम सभी के घर पर पधारे, इस तरह गणेश चतुर्थी का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है.
गणेश चतुर्थी पूजा विधि
Ganesh Chaturthi Vrat Puja in Hindi
गणेश चतुर्थी के दिन लोग व्रत रहते है और भगवान गणेश जी अपने घरो, पास – पड़ोस में शुभमुहूर्त में प्रतिमा स्थापित किया जाता है और फिर विधिवत पूजा और आरती किया जाता है और कलश की स्थापना किया जाता है और गणेश जी को पीले वस्त्र पहनाये जाते है और फूल माला चढ़ाया जाता है.
वैसे तो भगवान गणेश जी लड्डू और मोदक बहुत ही प्रिय होते है इसलिए इस दिन भगवान गणेश को लड्डू या मोदक का भोग लगाया जाता है और इसी का प्रसाद भी लोगो में वितरण किया जाता है.
गणेश चतुर्थी पूजा उत्सव का महत्व
Ganesh Chaturthi Pooja Utsav Ka Mahatva in Hindi
भगवान गणेश जी को देवताओ का प्रथम देव माना गया है सो किसी भी शुभ कार्य शुरू करने से पहले सबसे पहले भगवान गणेश जी का ही पूजन किया जाता है और इस प्रकार गणेश जी सबसे पहले पूजा करने से गणेश जी प्रसन्न होते है जिसके बाद सबके मनोवांछित फल प्राप्त होते है.
भगवान गणेश को संकट हर्ता देव माना गया है इसलिए जीवन में सुख शांति बनी रहे और जीवन में किसी प्रकार का कोई संकट नही आये जिसके लिए भगवान गणेश की गणेश चतुर्थी के दिन विशेष पूजा-पाठ किया जाता है जिससे सबके ऊपर भगवान गणेश जी का सदा आशीर्वाद बना रहे.
सामजिक दृष्टि से भी गणेश चतुर्थी का बहुत बड़ा महत्व है समाज में सुख शांति बनी रहे और लोग आपस में मेल मिलाप के साथ मिलजुलकर रहे जिसके लिए जगह जगह सार्वजानिक जगहों पर भगवान गणेश जी प्रतिमा स्थापित किया जाता है जिसमे सभी लोग भाग लेते है और विधिवत पूजा पाठ करते है और समाज कल्याण की मंगल कामना करते है.
इस प्रकार गणेश चतुर्थी का पूजा का हमारे हिन्दू धर्म में विशेष पर्व माना गया है जिसको सभी लोग बड़े ही भक्तिभाव से आपस में मिलजुलकर मनाते है जिससे आपस में सुख शांति का माहौल बन जाता है और इस प्रकार आपस में एक दुसरे के प्रति सम्मान और प्यार भी बढ़ता है.
तो आप सबको गणेश चतुर्थी पूजन उत्सव महत्व कथा पर लिखा गया यह हिन्दी निबन्ध कैसा लगा कमेंट में जरुर बताये और इस पोस्ट को शेयर भी जरुर करे.
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NICE ! KNOWLEDGE ABOUT OUR HINDU RELIGION, EACH AND EVERY HINDU MUST KNOW ABOUT OUR RELIGION…………HOW IS IT POSSIBLE ! BECAUSE NOW A DAY’S , WOMEN’S, GIRL’S WHERE PREVIOUSLY MOSTLY SUPPORTING, FORWARDING…INTERESTED WITH OUR RELIGIOUS ACTIVITIES, ARE NOW BUSY WITH FACEBOOK, WHATSAPP…..GOSSIPING, TV CHANNEL…SERIAL’S ENTERTAINMENT……….ETC…HAS DIVERTED THEIR INTEREST FROM RELIGIOUS ACTIVITIES ! THAT IS VERY HARMFUL TO OUR FUTURE GENERATION !
Bahut badhiya article.