Rainy Season Essay In Hindi Varsha Ritu Nibandh
वर्षा ऋतु पर निबंध
हमारे देश में 3 प्रकार के मौसम पाए जाते है गर्मी जाड़ा और बरसात, जो की ये मौसम साल में लगभग 4 – 4 महीने रहते है तो गर्मियों के मौसम के बाद बरसात यानि वर्षा ऋतू का मौसम शुरू हो जाता है जो की 15 जून से लेकर अक्टूबर तक रहता है, तो चलिए इस पोस्ट में बरसात के मौसम के आगमन को देखते हुए वर्षा ऋतु पर निबंध बता रहे है, जिन्हें आप भी अपने क्लास 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 में लिख सकते है. तो चलिए इस वर्षा ऋतु पर निबंध, Rainy Season Essay, Varsha Ritu Nibandh को अब जानते है.
वर्षा ऋतु पर निबंध
Rainy Season Essay in Hindi for Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12
Varsha Ritu Rainy Season Essay – वर्षा ऋतु यानी बरसात का मौसम आधे जून के बाद और कही कही पर जुलाई से शुरू हो जाती है, जो की हिन्दी महीने के सावन भादों के महीनों में होती है। वर्षा ऋतु का यह मौसम भारतीय किसानों के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण और खेती के लिए फायदेमंद होता है, वर्षा ऋतु के आगमन से एक तरफ जहा कड़कड़ाती गर्मी के बाद जून और जुलाई के महीने में लोगो को गर्मी से काफी राहत मिलती है। तो दूसरी तरफ धरती पर बरसात होने से चारो तरफ हरियाली आ जाती है और सभी खेत खलिहान कृषि के योग्य हो जाते है.
वर्षा ऋतु बरसात के मौसम के फायदे
Benefit of Rainy Season in Hindi
वर्षा ऋतू का इंतजार हर किसी को बेसब्री से रहता है, क्युकी मई जून के महीने में चिलचिलाती धुप वाली गर्मी पड़ती है, जो काफी कष्टदायक मौसम होता है, इसके अलावा अत्यधिक गर्मी पड़ने से धरती के अधिकतर तालाब, नदिया सूख जाते है, और चारो तरफ एक तरह से पानी की कमी भी होने लगती है,
जिससे इंसानों के साथ साथ पशु- पक्षी, जंगली जानवर पानी के समस्या से जूझने लगते है, और कही कही तो भयंकर सुखा भी पड़ जाता है, जिससे लोगो का जीवन तो पानी बिना अकाल पड़ जाता है, ऐसे में हर किसी को चाहे वह किसान हो या न हो, हर किसी को बरसात के मौसम का बेसब्री से इंतजार रहता है.
बरसात के मौसम के शुरुआत होने के बाद से सभी पेड़ पौधे, खेत खलिहान हरे हरे दिखाई देने लगते है, नदिया तालाब सभी जल से भर जाते है, और जल में रहने वाले प्राणी जैसे मछली, मेढ़क और तरह तरह के जीव जन्तु काफी राहत की साँस लेते है,
और दूसरी तरफ हमारा देश कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाला देश है, यानि हम सभी का जीवन गाँवो में कृषि पर आधरित जीवन है, ऐसे में जिनका खेती मुख्य व्यवसाय है, उनके लिए बरसात का मौसम एक तरह से वरदान लेकर आता है, सभी किसान बरसात के शुरू होने के बाद खेतो की जुताई शुरू कर देते है, और बारिश के अनुसार चावल, बाजरा, मक्के की खेती करते है, और इस तरह से बरसात का मौसम किसानो के लिए वरदान साबित होता है.
वर्षा ऋतु बरसात के मौसम के नुकसान
Loss of Rainy Season in Hindi
एक तरफ जहा वर्षा ऋतु के आगमन से कई फायदे है, तो दूसरी तरफ यदि कही बहुत ज्यादा वर्षा होती है, तो वहा पर नदियों के में अत्यधिक जल हो जाने के कारण बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो जाता है, जिससे नदियों के किनारे बसने वालो के लिए खतरा उत्पन्न हो जाता है, कई जगह तो बाढ़ की वजह से कई कई गाव बाड़ में डूब जाते है,
जिसमे जान माल का काफी नुकसान भी होता है, जिसके लिए इन्सान खुद उत्तरदायी होता है. क्युकी लोग नदियों के उस हिस्से में बस जाते है, जिसमे पानी भरने की सम्भावना सबसे ज्यादा होती है,
और अत्यधिक बरसात के कारण शहरो में जगह जगह जलजमाव की स्थिति पैदा हो जाती है, जिससे सारा जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है, और पानी के उचित निकासी न होने के कारण पानी के इक्कट्ठा होने से पानी में अनेक रोग के कीटाणु जैसे मलेरिया के मच्छर भी उत्पन्न होने लगते है,
जो की मलेरिया जैसी भयंकर बीमारी के कारण बनते है. तो ऐसे में हमे बरसात के मौसम को देखते हुए पानी की कमी को दूर करने के जगह जगह जल भण्डारण की व्यवस्था करनी चाहिए.
उपसंहार –
तो देखा आपने हर चीजो के अपने अपने दो पहलू होते है, एक तरफ जहा अच्छी बारिश से किसान और इन्सान खुशहाल होते है, तो दूसरी तरफ अत्यधिक वर्षा से बाढ़ जैसी विकट स्थिति से मानव जीवन दूभर हो जाता है,
ऐसे में हम सभी का यह फर्ज बनता है, की प्रकृति के सामंजस्य बिठाकर जीवन यापन करना चाहिए, और पानी की कमी को दूर करने के लिए उचित जल भंडारण की व्यवस्था भी करनी चाहिए, ताकि आने वाले समय में पानी की कमी से होने वालो दुष्प्रभावो को रोका जा सके.
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