Essay On Summer Season In Hindi
गर्मी के मौसम पर निबंध
Essay On Summer Season – गर्मी का मौसम शब्द ही सुनते ही मन में चिलचिलाती धुप, भीषण भरी गर्मी और तेज हवाओ के साथ बहते लू का आभास होने लगता है, और सोचने लगते है, की आखिर ये इतनी गर्मी पड़ती ही क्यू है.
तो ऐसे में यदि आप किसी भी कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 में पढ़ते है, तो यदि आपको गर्मी के मौसम पर निबन्ध लिखना हो तो आपके लिए यहा Essay on Summer Season, गर्मी के मौसम पर निबन्ध, Garmi Par Nibandh, ग्रीष्म ऋतू पर निबन्ध बता रहे है, जिसे आप अपने क्लास में Summer Season Short Essay या Long Essay, 300 Words, 400 Words, 500 Words या 600 Words में हिन्दी निबंध लिख सकते है.
गर्मी के मौसम पर हिंदी निबंध
Essay on Summer Season in Hindi
गर्मियों का मौसम सबसे ज्यादा गर्म होता है, गर्मियों के मौसम में तापमान काफी ऊचा चला जाता है, चारो तरफ सिर्फ भीषण गर्मी और गर्म हवाए युक्त लू ही चलती है, जो की बहुत ही कष्ट देने वाली होती है.
गर्मियों में तापमान इस तरफ इतना ज्यादा होता है की घर से बाहर निकलना मुश्किल होता है, चारो तरफ चिलचिलाती धुप पड़ती है, जिससे इन्सान क्या जानवर, पशु पक्षी सभी बेहाल हो जाते है, वनस्पतिया, पेड़ पौधे, नदी तालाब आदि सभी सूखने लगते है. चारो तरह सुखा पड़ने लगता है,
गर्मी के मौसम की शुरुआत बसंत ऋतू के बाद शुरू हो जाता है, धीरे धीरे तापमान बढने लगता है, और मई जून आते तो गर्मी के मौसम असहनीय हो जाता है, और गर्मी के मौसम में दिन काफी बड़े और जबकि राते छोटी हो जाती है. और यह गर्मी का मौसम अन्य मौसम की तुलना में काफी बड़ा भी होता है, जो की मार्च अप्रैल से शुरू अगस्त सितम्बर तक चलता रहता है.
गर्मी का मौसम साल का सबसे शुष्क मौसम रहता है, क्युकी सूर्य की किरणे धरती पर एकदम सीधी पड़ती है, जिस कारण से धरती का तापमान काफी हद तक बढ़ जाता है, तापमान बढने के लिए ओजोन परते, धरती पर कटते पेड़ और सिमटते जंगल भी काफी हद तक धरती के तापमान को बढ़ा रहे है.
गर्मियों के मौसम में चारो तरह सुखा पड़ता है, जिससे कई क्षेत्रो में तो पानी का मिलना भी मुश्किल में हो जाता है, जिस कारण से गर्मियों में इन क्षेत्रो से इंसानों के साथ साथ जीव जन्तुओ का पलायन भी शुरू हो जाता है, और इन क्षेत्रो में पेड़ एकदम से सुख जाते है, उनकी जगह काँटों वाले पेड़ उग आते है, पूरा क्षेत्र लू और धूल से भरा होता है, जिस कारण से यहा बाहर निकलना भी मुश्किल होता है.
वही दूसरी तरह गर्मी के मौसम से गर्मी से सबसे ज्यादा परेशान बेहाल इन्सान होते है, अत्यधिक गर्मी से जीना मुश्किल हो जाता है, गर्मियों से बहुत अधिक पसीने निकलते है, और बार प्यास लगती है, शरीर में पानी की कमी होने से गला सूखने लगता है, जिस कारण कई बार गर्मी से होने वाली बीमारियों का सामना करना पड़ता है.
इसलिए गर्मियों से बचने के लिए हमे बार बार पानी पीना चाहिए, जब जरूरत नही हो तो घर से बाहर नही निकलना चाहिए, बहुत ही जरुरी हो तो तभी घर से निकलना चाहिए,, और घरो से निकलते समय सर को ढककर रखना चाहिए, और लू से बचने के लिए मुह पर भी रुमाल आदि बाधना चाहिए, और जहा तक हो सके हमे अपने काम सुबह सुबह या फिर शाम में करना चाहिए, क्योकि गर्मियों के दिनों में दिन के दोपहर में बहुत ज्यादा तापमान होता है, जिससे की हमे दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है.
गर्मियों के दिनों में हल्के सूती वस्त्र ही पहनना चाहिए, और जो कपड़े पहने सफ़ेद या हल्के रंगो वाली होनी चाहिए, क्युकी काले और गाढे रंग के कपड़े सूर्य की गर्मी को सोखते है, जिससे शरीर का तापमान बढने का डर रहता है, जिससे बीमार भी पड़ सकते है,
सो गर्मी में हमे अपना और दुसरो के सेहत का भी बहुत ख्याल रखना पड़ता है, गर्मियों के दिनों ज्यादा तेल मशाले वाले भोज्य प्रदार्थ खाने से बचना चाहिए, इसके अलावा गर्मी के मौसमी फलो जैसे खीरा, तरबूज, ककड़ी, खरबूज को ज्यादा मात्रा में सेवन करना चाहिए.
उपसंहार –
हर मौसम की तरह गर्मी के मौसम का अपना महत्व है, एक तरफ जहा बड़े लोग गर्मी से परेशान होते है, वही बच्चो के लिए गर्मियों का मौसम छुट्टी लेकर आता है, इसलिए गर्मी के दिनों में बच्चो की स्कूल बंद हो जाती है, फिर बच्चे गर्मियों की छुट्टिय बिताने कही बाहर पिकनिक मनाने, नानी के घर घुमने चले जाते है.
तो इस तरह गर्मी का मौसम एक तरफ जहा अपने अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरुरी होता है, तो दूसरी तरफ गर्मी बच्चो के लिए ढेर सारी छुट्टिया भी लेकर आता है, इसलिए गर्मी के दिनों के अच्छे से बिताने के लिए सेहत का ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है.